मतलबी दोस्त यूँ मासूम से बचपन की नासमझी थी, वो बेपरवाही जिंदगी की अजनबी से हो गए। मैं बैठा रहा रिश्तों की अच्छाईयों को समेटे, मगर कुछ दोस्त अब मतलबी से हो गए। :-श्याम #मतलबीदोस्त pooja negi#