कभी होले-होले, जोर से कभी, मोह के राग, कभी विरह की रतजगे वाली बात... धुन ज़िन्दगी की शाम-सवेरे चढ़ती और उतरती है... माथे की सिकुड़न, कभी हंसी साथ ले ताल मिलाती रहती है। Shree 🎶🎶🎶 ......... धुन ज़िन्दगी की, साँसों पर चलती है, उम्र ढल जाती है पर कब ये ढलती है... #धुनज़िन्दगीकी #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine