रंग के तुम्हारी प्रीत के रंग में नित प्रतिदिन खेलूँ मैं प्रेम होली ...!!! जन्मजन्मांतर के लिए मैं बस तुम्हारी हो ली ...!!! प्रीत की लत मोहे ऐसी लागी... हो गई मैं दीवानी मोहे सुध बुध ना रही तन की मैं तो जाऊं वारी वारी प्यार के रंग से खेलो रे होली चढ़ के ना ये रंग उतरेगा 😍😍🤗🤗😇😇