बहुत पहले हम मिले थे एक अनजान सी राह मे और कोई आरजू नहीं बस रहूँ मैं उसकी पनाहों मे ना मैं जानू ना वो जाने फिर भी दिल उसे पहचाने वो रूठा है जरा मुझसे मैं आयी उसे मनाने बहुत खास से जज्बात अब दिल मे है मेरे कुछ कहना चाहती हूँ मैं कुछ एहसास है दिल में मेरे मैं कहूँ तो क्या वो मानेगा मेरे दिल का ये हाल हर वक्त दिल मे मेरे है बस उसका ही खयाल #PoetInYou #pratishtha_sharma