अक्सर लोग मुझे धोखा दिया करते है, वो मेरे अज़ीज़ ही तो है, जो ऐसा किया करते है, उठ गया है भरोसा खुद से भी , अब कैसे करू यकी लोगो पर भी | कैसे दिलाऊ भरोसा अब इस दिल को भी, नही बचा अब कोइ यहां अपना भी सब तब्दील हो गए गैरों में, अब किस कंधे सर रखा करू | अक्सर लोग मुझे धोखा दिया करते है, वो मेरे अपने ही तो है, जो इस काम को अंज़ाम दिया करते है, सब तब्दील हो चुके है गैरों में, अब किस रिश्ते को अपना कहा करू|| #कविता #nojotohindi Namita Writer Lipika Jain Harishita Singh Bhagat Sahil Sagar Kumar Sagar Kumar