आये और चले गए कि पता भी न लगा, यूँ आये थे किसी मिस कॉल की तरह, पुकारता हूँ हर रोज शिद्दत से अटेंडन्स (attendance) के रॉल की तरह, सहे नहीं जाते हर रोज के नये नखरे तुम्हारे, जो बढ़ते हैं भाव रोज पेट्रॉल की तरह।। -क्षितिज राज 'चौधरी' (व्यंग्य) #PetrolPriceHike