मैं हूं या नहीं, अजीब सी जुस्तजू है, खुद में हूं या नहीं, बैचेनी और कशमकश है। कहूं या समझ जाओगी, अनसुलझी पहेली है। खामोश मैं हूं या तुम नहीं, बस ये ही गुत्थी सुलझानी है। #बैचेनी #कश्मकश #गुत्थी #अनसुलझी_पहेली #सांझ_शैलेश