सांसों की किताब कुछ उजड़ी उजड़ी सी है, उम्मीदें जहां तहां बिखरी बिखरी सी हैं। कुछ नए पन्ने लिख रही है जिंदगी, अनिश्चितता की स्याही से। लेकिन एक मैं हूं ज़िद्दी अड़ियल, जिस की हिम्मत तकदीर से टक्कर लेने की है बदल रहा हूं सारे किस्से इस किताब के, जिसके शब्दों ने यह नाकाम साजिश की है।।... नवोदित! #सांसोकीकिताब #हिंदीकविता #नवोदित