अब और आवश्यक है आत्मनिर्भरता शीर्षक से प्रकाशित डॉक्टर जयंतीलाल भंडारी के आलेख में यह कहना बिल्कुल सही है कि वैश्विक सामरिक परिदृश्य में आत्मनिर्भर भारत बनने की आस समिति और अधिक बढ़ गई है वास्तव में हम यूक्रेन रूस युद्ध तथा करो ना महामारी से एक बहुत ही बड़ी सीख मिली है कि भारत को हर क्षेत्र में आधुनिक तकनीकी विकसित करने के लिए लगातार प्रयास करने होंगे अगर भारत के वैज्ञानिकों ने कोविड-19 सा के लिए स्वदेशी वैक्सीन विकसित ना कर ली होती तो यह अमेरिका एवं यूरोप देश में घुटने टेकने के लिए मजबूर करते हैं और बहुत ऊंची कीमत वसूल कर हमें वैक्सीन देते हैं इस संदर्भ में एक ताजा उदाहरण रूस का भी है वह अमेरिका के सूचना तंत्र पर निर्भर बना रहा अब यूक्रेन युद्ध के समय अमेरिका ने रूस के लिए अपने सभी सूचना तंत्र बंद कर दिए हैं यहां तक कि दूसरे देशों में मुद्रा लेनदेन की सूचना भेजने वाली प्रणाली शिविर उसको बाहर कर दिया है अब दुनिया तक अपनी बात पहुंचाने में रोज बहुत परेशानी का सामना कर रहा है अमेरिका इसका फायदा उठाकर उसको दुनिया में अलग-थलग करने में लगा हुआ है हमें ऐसी स्थिति से बचना है भारत सरकार ने बड़ी दुर्दशा से डिजिटल लेनदेन के लिए स्वदेशी तंत्र समय पर बना लिया समिति क्षेत्र में आधुनिक हथियारों की आवश्यकता के बराबर ही सूचना तंत्र की भी अपनी बहुत बड़ी भूमिका होती है इसलिए इस क्षेत्र में अन्य देशों पर निर्भरता खत्म करने के लिए हमने अपने होनार वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को प्रोत्साहित करना चाहिए ©Ek villain #आत्मनिर्भरता का विकल्प नहीं #Moon