ये अधूरे पन की सी ज़िन्दगी, मुझे लग रही है कटी कटी । न तो राग है न तो रंग है , मेरी शाम भी है उदास सी । जो कभी बनी मधुमास थी, वो बहार अब तो खिजां हुई । मेरे हमनवा हमदर्द सुन, मैं हूँ दर्द की बहती नदी । मैं लिपट सकूं तेरी रूह से, तू ही थाम लो मेरी जिंदगी । कि विलीन होके तुझी में मैं, तेरे नाम संग रहूँ जुड़ी । कि सुकून अब मुझे चाहिए , चल चल के मैं हूँ थकी हुई । .................. #जिंदगी#my shayri #नोजोटो हिंदी