जल उठी ज्वाला जलियांवाला बाग से शांत हो गया था अशांत चमन सांसे थम चुकी थी रुक गया पवन सहम उठा बाग डायर की आवाज से गोलियों की आवाज थी जलियांवाला बाग से जल उठी ज्वाला जलियांवाला बाग से धरती रुदन कर रही थी ,नभ प्रलाप नहीं देखा जा रहा था लोगो का विलाप लाशों पर खड़ा डायर, रावण लग रहा था करुणा के साथ क्रोध का संयोग दिख रहा था रोने की आवाज आ रही थी मां की कोख़ से जल उठी ज्वाला जलियांवाला बाग से शिव सुन्दर ( शिवराज खटीक) #जलियावाला बाग। जल उठी ज्वाला जलियांवाला बाग से