दिन तुम्ही हो रात तुम, धर्म तुम्ही हो जात तुम। प्रिय तुम हो स्वप्न मेरा, हो मेरा यथार्त तुम। मेरी कोरी कल्पना की हो प्रिए आकार तुम। मेरे हृदय के छोर के इस पार तुम, उसपार तुम। रक्त में तुमसे गति है, साँस गर अब तक यदि है। तो जान लो तुम मेरे तन के, हो दवा, उपचार तुम।। प्रिय तुम हो स्वप्न मेरा, हो मेरा यथार्त तुम। #NojotoQuote मेरी कोरी कल्पना की हो प्रिए आकार तुम #nojoto #urvilpoetry #sad #love #sweet #streetofpoetry