सब प्यासे हैं सबका अपना ज़रिया है, बढ़िया है हर कुल्हड़ में छोटा-मोटा दरिया है, बढ़िया है.. अंधी, बहरी, गूंगी, सियासत रस्सी पर चलती हैं.. कई मदारी है एक बंदरिया हैं बढ़िया हैं.. #राहत इंदौरी #बढ़िया_है