तेज़ उड़ते शहरी कबूतर आए थे देहात से मतला निकालना इस जाहिल की बात से रंगीन पंख हैं टूटे जिसपर माँस ताज़ा है मुंतज़िर राहे फ़िराक़ पर बैठा हूँ रात से #kabootar #vatsa #dsvatsa #yqbaba #yqdidi #hindiquotes तेज़ उड़ते शहरी कबूतर आए थे देहात से मतला निकालना इस जाहिल की बात से रंगीन पंख हैं टूटे जिसपर माँस ताज़ा है मुंतज़िर राहे फ़िराक़ पर बैठा हूँ रात से