शब-ए-एहसास के साए सी तेरे साथ चलेगी इक दिवानी तेरी अक्स बनी तेरे साथ चलेगी तोड़ती है जो सारे जहाँ के उसूल बगावत कर हर रिवाज़ को वो निभाती हुई तेरे साथ चलेगी है उसकी पहचान अपने मुल्क़ में एक फ़रिश्ते सी लेकिन तुझे फरिश्ता मानकर ही तेरे साथ चलेगी ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1024 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।