तोला जो किस्मत को, संतोलने को मैंने, वक़्त के तराज़ू से । रखा भार हकीकत का । तेरी यादों का पलड़ा, तराज़ू तो छोड़ो, भारी हो गया ।। मैं ही टूट गया ।। वक़्त का तराज़ू तोला जो किस्मत को, वक़्त के तराज़ू में । तेरी यादों का पलड़ा, भारी हो गया ।। संतोलने को मैंने,