सोचे थें गाँव में फ़क़त मकान छोड़ आए हैं, आज वबा ने बता दिया कि जान छोड़ आए हैं, थी मज़बूरी चंद पैसों की देखी नहीं गई भूख अपने बच्चों की शहर में धूप लगी जब भूख बढ़ी मालिकों ने साथ छोड़ा अपनों ने दम तोड़ा दानिशमंदों के शहर में पूंजीपतियों का लहर देखा वबा तो हर किसी के लिए था पर फ़क़त गरीबों पे क़हर देखा तब एहसास हुआ गाँव में खेत-खलिहान छोड़ आए हैं। राजा आलम #powerty