*संकल्प लेने की उधेड़बुन* नव वर्ष पर नित हर्ष के संकल्प ढूंढता हूँ, क्या संकल्प लूँ, उलझन कौन सुलझाएगा? सबने संकल्प लिए, मेरे अभी बाकी है, इस खाली मन को संकल्प कौन बताएगा? संकल्प क्या लूँ क्या सूरज मुझे बताएगा? क्या किरणों से आगे की राह दिखाएगा? जग जाहिर है संकल्पों की परेशानियाँ, क्या शाम को भी सूरज साथ निभाएगा? संकल्प क्या लूँ क्या पर्वत शिखर सिखाएगा ? क्या चढाई में वो पगडंडियां दिखाएगा? संकल्पों की साँसों को भला किसने जाना, क्या उतराई में भी वो साथ निभाएगा ? संकल्प क्या लूँ क्या चँदा मुझे सुझाएगा? क्या अंधेरों में रोशनी चमकाएगा? अनेक संकल्पों की हो रही आपा धापी, क्या अगली भोर तक चँदा साथ निभाएगा? नव वर्ष पर नित हर्ष के संकल्प ढूंढता हूँ.. कवि आनंद दाधीच। बेंगलूरु। भारत ©Anand Dadhich #संकल्प #Decision #resolution #quotesonresolution #kaviananddadhich #poetananddadhich #poetsofindia #Poet #newyearpoem #desert