Dhoni वो मैच जो आखरी पल में गँवा दिया हमने, वो महज सिर्फ एक खेल नहीं था, लीग स्टेज पर रनों की बरसात करी, पहले के मैचों में टॉप ऑर्डर फेल नहीं था, करोड़ों समर्थक थे हमारे, मौका भी था दस्तूर भी था, हमारी इस करारी शिकस्त में, किसी ना किसी का कसूर भी था, किसी ने मैच जीताने लिए पूरा जोर लगाया, कोई विकेट पर टिकने के लिए मजबूर भी था, लड़खड़ाती हुई पारी को सम्भाला दो जाँबाजों ने, वरना कब के हमारे खिलाड़ी ढह गये होते, उदास होकर रोते हुए बिलबिलाते हुए, मैदान में मायूस सारे समर्थक रह गये होते।