जब मेरे भरोसे पे जुदाई की कैंचियां चलने लगे , तब तुम प्यारभरी रुकावटें लेकर बीच में आ जाना , जब मेरी तन्हाइयों में रुसवाईयाँ भी जुड़ जाये , तब तुम एहसास बनके मेरी साँसों में समा जाना।। कुछ दिन के दर्दभरे पतझड़ ही सही , फिर बहार बनकर रंगभरी खुशियां ले आना , रात अँधेरे में करवटे ही सही , फिर एक उजाले से भरी सुबह ले आना ।। जब मेरे भरोसे ........ जाया किये हुए हर एक पल संग तेरे , बस मेरे गुफ़्तगू में शामिल कर जाना , जब मेरी तन्हाइयों में रुसवाईयाँ भी जुड़ जायें, तब तुम एहसास बनकर मेरी साँसों में समां जाना । जब मेरे भरोसे ..... ✍️चन्दन मौर्य 'मोक्ष' #NojotoQuote