बेस्वाद रुनझुन में तुम्हें वो सरग़ोश आवाज़ें याद हों या ना याद हों पर मेरी बीतती उम्र को, मेरे पड़ाव भाँप रहे कदमों और मेरी दुनिया छान रही धूसर आँखों को आजतक वो सारे मंजर मुँहजबानी याद हैं शब्द मेरे नही कुमार विश्वास जी के हैं____#विरह #वेदना #प्रेम #प्रेम_समर्पण #yqdidi #yqbaba #yqsahitya #yqhindi