#Pehlealfaaz वो, कई दिनों तक सन्नाटा समेटे कर अपने भीतर ही दुबका रहा ना खाता, ना पीता:ना हिलता, ना डुलता बस, अपने जेहन की दीवारों से सर टकराता और निढाल हो जाता तलाश, उसकी आँखों में भटक कर दरया बन चुकी थी जिसका साहिल उफ़क़ के उस पार डूबता सूरज था फिर, ना जाने क्या सोच कर वो लौट कर दुनिया में लौट आया और अपनी बची हुई जान समेट कर हवा हो गया वो आती जाती गाड़ियों से पेंच लड़ता और भौंक भौंक कर जिरह करता कि मेरा हबीब मुझे लौटा दो या मुझ से गुजर जाओ कि मैं राह बन जाऊँ #mera_aks_paraya_tha #हिज्र_की_गालियों_से #ना_शोना_के_पैराहन_ना_मीठा_के_पैर #kavishala #hindinama #tassavuf #mikyupikyu #meethashona