दीपज्योतिः परंब्रह्म दीपज्योतिर्जनार्दनः। दीपो हरतु मे पापं दीपज्योतिर्नमोऽस्तु ते।। भावार्थ: दीपक का प्रकाश महान ब्रह्म का प्रतीक है, दीपक का दीपक अर्दानार्ड (ब्रह्मांड के भगवान)। (प्रार्थना) इस दीपक की रोशनी हमारे पापों को धो देती है। मैं इस प्रकाश (जीवन देने वाली) को सलाम करता हूं। ©Raju Saini #Rajusaini #sainishayri #dewali #Alive