तुम्हें इतनी भी क्या मोहलत नहीं थी कि दो घड़ी मिलने नहीं आ सके.... अपनी कहने , मेरी सुनने नहीं आ सके.. मान लिया कम होते हैं , तुम्हारे पास लम्हें फुरसत के... मगरूर हो इतने , कि कुछ पल को गले लगाने नहीं आ सके.!! तुम्हें इतनी भी क्या मोहलत नहीं थी इस पूरे साल में जो मेरे लिए... #mohlat #collab #yqbhaijan #missing #mohabbat #busy #collab #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Bhaijan