हर शय है तकलीफ़ में कहीं आराम नहीं, मच रहा है कहीं शोर, तो कोहराम कहीं, गुज़ार वक़्त रहकर घोंसले में ये मेरी इल्तज़ा है, बेवक़्त का ये वक्त न तेरा सगा है न मेरा सगा है। #iAmShubh 🌝प्रतियोगिता- 206🌝 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌹"क़ोहराम"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I