तेरे गुजरने की आहट,मेरे रूह तक उतर आती है, अरसों पड़ी थी जिस अर्ज कि मर्ज,वो पड़ी रह जाती है। जरा रूक तुम्हें बयाँ करू,मत गुजर मुझपर बे-वक्त जैसे, बेखौफ मेरी जुबाँ है,इसे बाँधु तो बाँधु कैसे।। _Xn.niku #xnniku#shayari#nojoto