आखिर क्यों ? फासलों की दरगाह तुम्हारे नयन में है हाथ मैंने थाम लिया जन्मो जन्म तुम्हारा साथ पा लिया एक पल में जन्मो जन्म सर्वस्व अर्पण किया है मैंने अपनी अंतरात्मा से फिर भी एक सवाल जागता है.... आखिर क्यों हाथों से हाथ छूट रहा ? तेरा मेरा रिश्ता क्यों टूट रहा ? आखिर क्यों ? जिसका कोई जवाब नहीं तुम्हारे पास और जानना चाहोगी तो वह मिलेगा तुम्हें मेरी आंखों में ,मेरे एहसास में एक पल जी कर तो देखो मेरे होकर भी तुम मुझसे दूर न जा पाओगे चाहे कितना ही रहो गैरों के आसपास मुझको कभी ना भुला पाओगे आखिर क्यों ? यह तुम भी जानती हो और मैं भी जानता हूं फिर भी एक सवाल तुम्हारे जेहन में जिंदा रहेगा आखिर क्यों ? 4/06/2019 🌷👰💓💝 ...✍ कमल शर्मा'बेधड़क' आखिर क्यों ? फासलों की दरगाह तुम्हारे नयन में है हाथ मैंने थाम लिया जन्मो जन्म तुम्हारा साथ पा लिया एक पल में जन्मो जन्म सर्वस्व अर्पण किया है मैंने अपनी अंतरात्मा से फिर भी एक सवाल जागता है.... आखिर क्यों हाथों से हाथ छूट रहा ?