झूठे वादों के अता कर के उजाले मुझ को,कर दिया तूने*तारिकी के हवाले मुझको//१ अंधेरा
जिनको*मसर्रत मेरी*मार्फत से मिली है,वो अब इस ताक में है,देंगे गम की मशाले मुझको//२
*खुशी*जरिया
मैं हूँ मजबूर मगर इतनी भी लाचार नही,उजड़ जाएँ ना कहीं उजाड़ने वाले मुझको//३
मुझ जैसे और भी*बशर, हयात*बसर करते हैं,कर ना देना किसी*मरघट के हवाले मुझको// #वादा#Nojotowrites#shamawritesBebaak#Lonely_Shayari_Talk