बहर/वज़्न - १२२२-१२२२-१२२२-१२२२ तेरी यादों के साये में कभी सोया नहीं रहता।। तुम आते तो मेरा चेहरा भी मुरझाया नहीं रहता।।१ वो कहती थी तुम्हारे इन लबों को चूम लुंगी मैं अधर मिलते अधर से तो मैं शर्मीला नहीं रहता।।२ जो उलझा है बहुत ज़्यादा मुहब्बत की फ़िज़ाओं में मुहब्बत के डगर का वो सनम कच्चा नहीं रहता।।३ सताया है बहुत औ जख्म भी गहरे दिए दिल पर मनाते प्यार से तो दिल का ये छाला नहीं रहता।।४ अगर तू वस्ल की रातों में मिलने आ गयी होती ये दिल बेचारा तेरी याद में खोया नहीं रहता।। किसी दिलवाले से पूछी है क्या दिल की ज़ुबानी #जय बयां कर दे अगर तन्हाई तो तन्हा नहीं रहता।।६ एक और ग़ज़ल रोमांटिक और दिल हारे आशिक के लिए।।। #ग़ज़ल #शेर #अशआर #शायरी #yqdidi #yqhindi