Nojoto: Largest Storytelling Platform

भले किसी ग़ैर की जागीर थी वो, पर मेरे ख्वाबों की तस

भले किसी ग़ैर की जागीर थी वो,
पर मेरे ख्वाबों की तस्वीर थी वो,




मुझे मिलती तो कैसी मिलती,
किसी और के हिस्से की तकदीर थी वो..!!

©adure alfaz
  #mere_hisse_me_tu_nahi
#alfaz_2word 
#poetry_by_kumaramit