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सुप्रभात एक सुबह ढूंढ रही थी मुझको चुपके से कह रह

 सुप्रभात एक सुबह ढूंढ रही थी मुझको
चुपके से कह रही थी कानों में,,,,,

भोर भई अब नैन खोलो
आकर हमसे मिलो,,,,,,,

देखो बाहर कितना सुंदर दृश्य छाया है
पंछियों ने शोर मचाया है,,,,,,,,
 सुप्रभात एक सुबह ढूंढ रही थी मुझको
चुपके से कह रही थी कानों में,,,,,

भोर भई अब नैन खोलो
आकर हमसे मिलो,,,,,,,

देखो बाहर कितना सुंदर दृश्य छाया है
पंछियों ने शोर मचाया है,,,,,,,,
vandana6771

Vandana

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