*✍🏻“सुविचार"*📝 🖊️*“26/3/2022”*📚 📘*“शनिवार”*🌟 आपने देखा होगा कि एक “मकड़ी का जाल” “कीट” को अपनी ओर “उकसाने” के लिए “आकर्षित” करता है अपनी “चमक” से,अपनी “बुनावट” से वैसे ही “जुए” का ये “खेल” “मनुष्य” को अपनी और आकर्षित करता है, अंत में “मनुष्य” भी फंस जाता है इस जुए के खेल में, अंतर बस इतना है कि “कीट” जब इस “जाल” में फंसता है वो अपने “प्राण” गवा देता है, “मनुष्य” जो “जुए के खेल” के “उकसावे” में आता है तो मनुष्य अपना “मान” और “धन” सबकुछ गवा देता है, और अपना “विवेक” खो देता है किंतु आप अपना “विवेक” कभी मत खोईएगा, आपके मन में “लालच” आ जाए और यदि आप “जुए के खेल” में “प्रवेश” कर जाओ, तो स्मरण रखना कि लौटकर वापस आना लगभग “असंभव” है, तो इस “विवेक का साथ” कभी नहीं छोड़ना, क्योंकि “विनाश” के आने का “पहला संकेत” ही “विवेक” का जाना है... *“अतुल शर्मा”*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 🖊️ *“26/3/2022”*📚 📘 *“शनिवार”*🌟 # “मकड़ी का जाल” #“कीट”