अजीब दौर आया हैं. जिन्दगी का अजीब वक्त है चहेरे पे निराशा -सी छाई हैं ख्यालो में खामोशी -सी छाई हैं लोगों में हमारे लिए बेरुचि - सी छाई है बुढ़ापे का दौर है धुॅधली सी आँखे है अनसुनी - सी बातें हैं लाठी का सहारा हैं बस जिन्दगी को कैसे भी काटने का मकसत है बडा. अजीब दौर आया है. #Oldage#bhawanapandey