तैयारी मेरे देश के साक्षर युवा लगन से कर रहे तैयारी। किसी भी हालत में बनना है इनको आदमी सरकारी। भर्ती फॉर्म कोई भी हो चपरासी हो या अधिकारी। बैठ के कुर्सी तोड़ने मिल जाए नौकरी मिल जाए सरकारी। भले हो देश की बर्बादी भ्रष्टाचार , बढ़े महंगाई। पगार टाइम पर आ जाए नौकरी चाहिए सरकारी। आम आदमी का अधिकार या मारेंगे खून पसीने की। रिश्वत से देश चलाएंगे बस बन जाए ये सरकारी। बाप दादा भी थे सरकारी इनको भी बनना अधिकारी। रिश्वत-खोर बाप-दादा थे ये भी बनेंगे भ्रष्टाचारी। क्यूं है लोभ सरकारी का? फैली हो जैसे बीमारी? जहां देखो वहां, बेरोजगार युवा बस कर रहा क्यूं तैयारी? यहां नीचे पूरा पढ़ें 👇👇👇👇👇 तैयारी मेरे देश के साक्षर युवा लगन से कर रहे तैयारी। किसी भी हालत में बनना है इनको आदमी सरकारी।