बचपन के सपने बचपन के सपने भी क्या कमाल के होते हैं जिस चीज की चाहत होती है मन उसी में खोते है न किसी बात की चिंता न फिक्र होती है मन भी अजीब अजीब चीजों को ढोती है जैसे मैं अपनी बात बताता हूं जब मैं सोता था तो सपनों में खोता था कभी आइसक्रीम तो कभी चॉकलेट्स के ढेर लगाता था कभी फ्रूटी के टंकी में डुबकी लगाता था कभी पंछी बनकर उड़ जाता था तो कभी दौड़ता था पर आगे न बढ़ पाता था दशहरा दिवाली आती थी बढ़ा ज़िद मचाता था मुझको वो टिक टिक पटाखा वाला बंदूक भाता था जब तक ना मिल जाता था ज़िद चरम तक पहुंचाता था चाचू ने वीडियो गेम दिलया था जो मुझे बहुत रास आया था हैरानी तो इस बात की है... जो चीज नहीं मिल पाती थी सोच यहां तक चली जाती थी बड़ा होकर इतने पैसे कमाऊंगा सबको खरीद लाऊंगा। #बचपन #सपने #chocolates #ice #cream #कविता