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दर्द भी तुम दवा भी तुम, मेरी खुशी भी तुम ग़म भी



दर्द भी तुम दवा भी तुम,
मेरी खुशी भी तुम ग़म भी तुम,
मेरी साँसे भी तुम जिंदगी भी तुम,
मेरी पहली ख़्वाहिश भी तुम,
और आखिरी ख़्वाहिश भी तुम।

 खुदा मानता हूँ तुझे, 
इसीलिए तो इबादत करता हूंँ तेरी, 
तेरी सूरत में ही ईश्वर दिखे मुझे, 
इसीलिए तो हर वक़्त झुकता हूंँ मे तेरे आगे।

मेरी जिंदगी का खास किस्सा हो तुम, 
जिसका ज़िक्र सिर्फ मेरी कविताओं में है, 
है तू हमेंशा दिल में छुपी, 
तो क्यों जाहिर करूँ मे तुझे दुनिया के सामने। 

तू ही मेरी आरज़ू, तू ही मेरे जुस्तजू, 
तू ही मेरे शब्द, तू ही मेरी कविता, 
हकीक़त भी तुम, ख़्वाब भी तुम, 
मेरा मर्ज भी तुम और मेरा इलाज भी तुम। 

-Nitesh Prajapati 







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दर्द भी तुम दवा भी तुम,
मेरी खुशी भी तुम ग़म भी तुम,
मेरी साँसे भी तुम जिंदगी भी तुम,
मेरी पहली ख़्वाहिश भी तुम,
और आखिरी ख़्वाहिश भी तुम।

 खुदा मानता हूँ तुझे, 
इसीलिए तो इबादत करता हूंँ तेरी, 
तेरी सूरत में ही ईश्वर दिखे मुझे, 
इसीलिए तो हर वक़्त झुकता हूंँ मे तेरे आगे।

मेरी जिंदगी का खास किस्सा हो तुम, 
जिसका ज़िक्र सिर्फ मेरी कविताओं में है, 
है तू हमेंशा दिल में छुपी, 
तो क्यों जाहिर करूँ मे तुझे दुनिया के सामने। 

तू ही मेरी आरज़ू, तू ही मेरे जुस्तजू, 
तू ही मेरे शब्द, तू ही मेरी कविता, 
हकीक़त भी तुम, ख़्वाब भी तुम, 
मेरा मर्ज भी तुम और मेरा इलाज भी तुम। 

-Nitesh Prajapati 







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