तरस रहे है रोने को , अब तो आंसू भी नखरे करने लगे उम्रे बिताई सोने को, अब तो ख्वाब भी करवट बदलने लगे दिलासा मिलता है कुछ पल का इन भागते लम्हो से बचा नही कुछ खोने को ,अब तो दर्द भी मरहम लगने लगे ©Whovikramsaini #4linepoetry #Shayari #Shayar #Poet #Poetry #whovikramsaini #Shiddat #theboywhoportrayswords #Content