सुनो चंदा, अपनी चांदनी पे, ना इतना इतरा, जाकर बादलों के आंचल में छुप जा, कहीं फीकी ना पड़ जाए, तेरी चांदनी,!.देख महबूब के मेहताबी चेहरे की दरख्शां। #amरोज़ी_संबरीया कृपया अनुशीर्षक पूर्ण पढ़ें। √आज का विषय है ' सुनो चंदा ' । √ आज के हमारे ' मंच प्रमुख ' है Mahima Jain ~ MJ जी। √ आपको अपनी रचना दो पंक्तियों में लिखनी है।