।। कोटा की यादें ।। मन मे बसा कर IIT का सपना सफर हुआ शुरू कोटा का अपना लिया जो एडमिशन कोचिंग में जबसे हराम हो गयी नींद हमारी तबसे रात भर जागना , आंखों में नींद लिए कक्षा को भागना बात बात पर डाउट उठाना , अध्यापक द्वारा इसे सुलझाना । इस रविवार को टेस्ट है मन मेरा इसी बात पर बेचैन हो रहा , टेस्ट दिए होस्टल पहुँचू उससे पहले से ही फ़ोन घर से इंतज़ार मेरा कर रहा हाल न पूछे अब मेरा कोई ,सिर्फ पूछे जाए ये सवाल "पेपर कैसा था ?" "आ रहे नंबर कितने तू बस इतना बता मेरे लाल" जैसे तैसे दिन ये मेरे गुज़र रहे , पोहे और कचोरी से शुरू ये दिन ओर रात में पानी वाली दाल पर न जाने कैसे हम जी रहे कहे भैया मेस वाले सब्जी पनीर की बना रहे हम उसी पनीर की सब्जी में पनीर ही तो ढूंढ रहे पानी भी यहाँ का हमे ऐसा परेशान कर रहा न जाने बाल मेरा इतना कैसे झड़ रहा बस ऐसे ही चलता रहा सफर मेरा कोटा का समय बीतते समय आ गया यहाँ से जाने का छोड़ कर कोटा भले मैं आज यहाँ से जा रहा हुँ इसकी यादों को सदा दिल मे बसा कर जा रहा हूँ ।।कोटा तुझे छोड़ कर जा रहा हूँ।। #Kotalife #myfirstpoem #KotaStudents #Kota