आकाश से ज्यूँ गिरता जल चहुँ दिशा में फैलता, सृष्टि के अनुरूप हो, स्व रूप ही लेता सदा.... त्यूँ सत् से ही सृष्टि सृजित, सत् विस्तृत आकार है, सत् ही आच्छादित सदा से सत् ही संसार है... #yqdidi #सत् #आत्मबोध #विष्णुप्रिया