चल जरा सूरज से मिलके आते है मीठी मीठी बातों से बहला के आते है इतनी गर्मी इतना गुस्सा क्यों है भाई आ बैठ तुझे कोका कोला पिलाते है। देख जरा इन बेबस तपते लोगो को ये तुझको महान समझते है। इस आग को अपने पास ही रखले तेरा एहसान जताते है। प्यासे मरते जीवो को देख जरा पानी को लड़ते इंसा देख जरा ये सब तुझसे डरते है तुझको भगवान समझते है जल रोज़ सुबह चढ़ाते है। बात मेरी तू मान ले पगले मुझको अपना जान ले पगले थोड़ा तो सुस्ताले पगले गर्मी को समझाले पगले पेड़ो को अब ना काटेंगे हम व्रक्ष नए लगाएंगे हम हरियाली भी लाएंगे हम बारिश को भी मनाएंगे हम। ये वादा तुझसे करते है हम सब कसम उठाते है। धरती को स्वर्ग बनाते है। चल जरा सूरज से मिलके आते है.......... ARVIND AZAAN #garmi#tapan