सोचा था वक़्त बदलेगा । हम कबसे आस लगाये बैठे थै। नम पलके लिये कुछ ख्वाब सजाये बैठे थै । एक आस के साहारे आस लगाये बैठे थै । हम पागाल एक बेउम्मीद से उम्मीद लगाये बैठे थै । ©ChhaLawa #ChhaLawaa #dawnn