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माँ होता कुछ भी नहीं मैं, अगर तू साथ ना होती,

माँ 
होता कुछ भी नहीं मैं,
अगर तू साथ ना होती,
गिर के संभल ना पाता, 
गर तू मेरे पास ना होती।
आसमान में सुराख़ कर देती,
ख्वाहिश जो मेरी ये भी होती,
खुशियों में मेरी तू,
अपने गम भुला ही देती,
मेरे कदमों की आहट को,
दुर से ही पहचान लेती।
लड़कपन की गलतियों को,
यूँ ही तू भुला ही देती,
नीदों में भी अपनी तु, 
मेरे सपने सजा के रखती।
होता कुछ भी नहीं मैं,
गर तू मेरी माँ ना होती।

#अमूल्य #माँ #maa
माँ 
होता कुछ भी नहीं मैं,
अगर तू साथ ना होती,
गिर के संभल ना पाता, 
गर तू मेरे पास ना होती।
आसमान में सुराख़ कर देती,
ख्वाहिश जो मेरी ये भी होती,
खुशियों में मेरी तू,
अपने गम भुला ही देती,
मेरे कदमों की आहट को,
दुर से ही पहचान लेती।
लड़कपन की गलतियों को,
यूँ ही तू भुला ही देती,
नीदों में भी अपनी तु, 
मेरे सपने सजा के रखती।
होता कुछ भी नहीं मैं,
गर तू मेरी माँ ना होती।

#अमूल्य #माँ #maa
kaviamulya2728

kavi Amulya

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