रोज लिखते हैं खत तुम्हे ,जबाब क्यों नही आता फाड़ देती हो या जला देती हो चिट्टी मुझे समझ क्यों नही आता अब मोहब्बत ना रही उन्हें हमसे अब मोहब्बत ना रही उन्हें हमसे वस इतना समझ क्यों नही आता वस इतना समझ क्यों नही आता जबाव