रोटियां भूख के मुकाबले ताज़ी थी, 4दिन की भूख, रोटियां 3 दिन की बासी थी। हां, रोटियां भूख के मुकाबले ताज़ी थी। खा गया वो आहिस्ते आहिस्ते, रोटियां अमीरों की ठुकराई थी। वो कचड़े में पड़ी थी तीन रोटियां, जिन्हें,ग़रीबी ने अपनाई थी। बच्चो को दिए ढाई,आधी, अपने हिस्से में आई थी। वो नासमझ ,नमक तेल की क्या समझ, उन्हें तो रोटियां ही लगी बड़ी प्यारी थी। खा गए वो आहिस्ता आहिस्ता, रोटियां भूख के मुकाबले ताज़ी थी। -आर्यावर्त वेद प्रकाश। #nojoto