वो वीर हूँ मैं, जो थका नहीं वक़्त कमजोर पर में रुका नहीं.... वक़्त ने हमें रोक दिया, पर वतन हमारे साथ हैँ डर ना रहे अब कोई मन में, ये हिन्दोस्ता मेरी जान हैँ..... देख लोगों को बीमार, हिम्मत मेरी घबरायी नहीं पेशा है मेरा ऐसा, जहाँ डर को कभी अपनाया नहीं.... पीछे होना हमने सीखा नहीं, डटे रहना ये पहचान हैँ कदम से कदम मिला के चले हम, ये हिन्दोस्ता मेरी जान हैँ... देखा कितना सही मैंने, देखा कितना गलत भी फूलों की बारिश थी कही, तो कही पत्थरो का जोर भी.... कही लोगों ने अपनाया नहीं, तो कही सम्मान का शोर भी गर्व महसूस हुआ मुझे, ना जाने कितनी ज़िन्दगी फिर से आबाद हुई भी.... वो वीर हूँ मैं, जो थका नहीं वक़्त कमजोर पर में रुका नहीं... ©jyotikeshabd #doctor #nojota #poem #Life #lockdown #Hindi #jyotikeshabd #corona