शायद ये इश्क़ नहीं शायद वो प्यार नहीं मेरा जो तुमपे था अब वो एतबार नहीं इस दोमुंही दुनिया के, उस पार जा रहा हूं तुझ से और तेरे इश्क़ दोनों से दूर जा रहा हूं शायद तेरा मिलना-बिछड़ना मुक्कदर था पर शायद यूँ ही सही मेरा इश्क़ मुक़म्मल था (for- शैप्रित) ऐसे बहुत कम शब्द होते हैं जिनको सुनते-पढ़ते ही एक पूरी-पूरी कहानी ज़ेहन में घूमने लगे। शायद उनमें से ही एक शब्द है। आपके ज़ेहन में क्या आता है? #शायद #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #onesidedlove #forfriend #adhuraishq