मोहब्ब के कसीदे पढ चुकी अब नीन्द को हराम करना है, तब भी चैन से सो ना सकी, अब चैन का त्याग करना है, तन्हा कली रात थी तब, अब उन तन्हा रातो मे लम्बा सफर तय करना है, अधूरे से रिश्ते हैं, अब अपने सपनो को पूरा करना है, प्यार बहुत मिला मुझे, अब शुक्रिया अदा करना हैं, जिसने हमे जीने का मक्सद दिया,अब उसका कर्ज अदा करना है, भूल ना सकुगी तुझे, अब मंजिल को याद रखना है, जूनून तुझे पने का था और अज भी है अब मंजिल का शिकार करना है मोहब्ब के कसीदे पढ चुकी अब नीन्द को हराम करना है। #जूनून #चैन #नींद