ये जो दर्द तुम देते फिर रही हो कभी सोचे हो किस कदर तुम गिर रही हो ।। पहले दिल से , ये भरी महफ़िल से क्यों इसतरह ये रास्ते तुम मोड़ रही हो ।। मोहब्बत की थी तुमसे कभी सोच तो लेते क्यों ये हर गली गली तुम घूमते फिर रही हो ।। चलो माना कि बड़े सौक् पालते हो तुम तो फिर बताओ इस बहते आंसू से फिर क्यों खेल रही हो ।। #my pen my pain #sayarionline