चंद्रगुप्त की भूमि मैं, कौटिल्य की बुद्धि हूं, मगध भी कहते है मुझे, पाटलिपुत्र की जननी हू, बौद्ध का विहार और जैन का श्रृंगार हूं मैं शिक्षा का आरंभ मुझसे, नालंदा शान हूं, सत्याग्रह का आरंभ हुआ जो स्वतंत्रता की नींव बनी मैं सर्वश्रेष्ठ क्रांतिकारियों की जन्म भूमि कहलाई मैं हो जो अत्याचार कभी सुन चीख मेरी आज भी डरते अत्याचारी हां, "बिहार हू मैं" -aruhi sinha ©Untold words #bihari #biharpoetry #Luminance